मौत से न ड़र, येसु ने मौत को हराया है
डर किसे नहीं लगता? हम सब कभी न कभी किसी न किसी बात या चीज़ से ज़रूर डरते हैं।
किसी को अंधकार का डर है, तो
किसी को ऊँचाई का, किसी
को किसी जानवर से डर लगता है तो किसी को किसी व्यक्ति से। पर इन सब प्रकार के डर
के पीछे एक बडा डर छीपा बैठा है और वह डर है मौत। मौत का डर हर किसी को होता है
क्योंकि मौत के बाद सब कुछ समाप्त हो जाता है। जीवन, ये दुनिया, हमारे दोस्त, हमारे माता-पिता, हमारी घर, हमारी दौलत, सब कुछ हमारी पकड से फिसल जाता है। मरने
का बाद क्या होगा पता नहीं। मौत के परे या फिर मौत से आगे क्या है पता नहीं। इसलिए
हमें डर लगता है। मुझे डर है कि मरने के बाद मैं किधर जाऊगा? स्वर्ग, नरक या और कहीं? मरने के बाद सब कुछ मेरे कन्टोल से बाहर
चला जायेगा। यही तो डर का विषय है। पर मैं जानता हूॅं एक व्यक्ति को जिसे मौत,
कब्र और नरक सब पर अधिकार है। कोई है जो
जिसके सामने मृत्यु और अधोलोक के फाटक नहीं टिक पाते, कोई है जो मेरे जीवन के बिखरे टुकडों को
समेट कर मेरा पुनर्निमाण कर सकता है। कोई है जो कब्रों में से निकालकर जीवन देने
में सक्षम है। और उसका नाम है - येसु। दुखभोग के इस समय में आईये हम मनन चिंतन
करें उस येसु पर जो मृत्युंजय है, जिसने
मौत को हराया है। जल्दी ही हम पास्का की सुबह इस महान घटना को मनायेंगे। पुराने
विधान में नबी एजेकिएल के ग्रंथ 37 में
एक विषेष घटना के बारे में हम सुनते हैं जहाॅं पर सूखी हड्डियों से भरी घाटी है और
प्रभु उन हड्डियों में फिर से जान भर देते हैं इसी भविष्यवाणी का अंष आज के हमारे
पहले पाठ में हमने सुना - ‘‘मेरी
प्रजा! जब मैं तुम्हारी कब्रों को खोल कर तुम लोगों को उन में से नकालूंगा,
तो तुम लोग जान जाओगे कि मैं ही प्रभु
हूॅं। मैं तुम्हें अपना आत्मा प्रदान करॅंगा और तुम में जीवन आ जायेगा। मैं
तुम्हें तुम्हारी अपनी धरती पर बसाउॅंगा और तुम लोग जान जाओगे कि मैं प्रभु,
ने कहा और पूरा भी किया।’’ इस भविष्यवाणी प्रभु अपने नवनिर्माण की
बात करते हैं, अपनी
प्रजा के नव निर्माण इस्राएलियों के राष्ट का नवनिर्माण। जिसे प्रभु ने वास्तव में
पूरा किया। परन्तु इस वचन की गहराई में प्रभु न केवल इस्राएलियों के राज्य के
पुनर्निमाण की बात कर रहे हैं परन्तु हम में से हर एक के जीवन की बात कर रहे हैं।
प्रभु हम मे से हर एक को पुनर्जिवन देंगे। हमारे टूटेपन से, हमारी लज्जापन, हमारे जीवन के बिखरेपन में प्रभु फिर से
चमन और बहार लायेंगे। हम अपने दम पर ये सब नहीं कर सकते पर प्रभु येसु इसे हमारे
जीवन में करके दिखायेंगे। जिस बात को प्रभु ने एजिकिएल में बताया उसे उन्होंने आज
के सुसमाचार योहन 11 में
लाजरूस को जिलाकर, करके
दिखलाया। लाजरूस को कब्र में रखे चार दिन हो गये थे और वे कह रहे थे कि कब्र सेे
अब तो बदबू आती होगी। येसु कब्र पर जाते हैं और वे क्या करते हैं। वे जिसे एजिकिएल
ने कहा उसे पूरा करते हैं। एजेकिएल में लिखा है कि जब मैं तुमको कब्र से बाहर
निकालूॅंगा तो तुम जान जाओगे कि मैं प्रभु हूॅं। हम कैसे जानेंगे कि प्रभु ही
ईष्वर है? जब वह हमारी कब्रों
को खोलेंगे और हमकों हमारे कब्रों मंेसे बाहर निकालेंगे। ईष्वर होने का सबूत ये है
जो मूरदोें को जीवन देता है।
येसु अब साबित कर रहे हैं कि वह कौन हैं। वह नबियों द्वारा
भविष्वाणी करके बताया गया ईष्वर है। वह कहते हैं कि मैं टूटे हुओं का ईष्वर हॅंू।
वह बडे अधिकार के साथ लाज़रूस को आवाज़ देते हैं। लाज़रूस बाहर निकल आओ और मूरदा बाहर
निकल आता है। पर उसका शरीर पट्टियों से बंधा हुआ था। यही आपकी और मेरी कहानी है।
बपतिस्मा में हम मसीह के साथ मरकर दफनाये गये हैं, और उनके पुनरूत्थान के साथ जी उठे हैं।
उनका जीवन अब मुझमें हैं, आज
हम उनके जीवन में भागिदार हैं। पर फिर भी मैं देखता हूॅं कि कुछ चीजें़ है जो मुझे
अब भी बंधनों में रखती हैं। येसु का आदेष केवल लाज़रूस को न केवल जिंदा करने के लिए
था परन्तु उन्होंने उसकी पट्टियों को खोलने के लिए भी कहा। येसु का ईष्वरत्व इसलिए
न के लिए हमें जीवन देने का है परन्तु हमें बंधन मुक्त करने का भी है। वो हमें न
केवल जीवन देने आये बल्कि हमारे जीवन को सब प्रकार के पाप व बुराईयों के बंधन से
मुक्त करने आये हैं। येसु से मुलाकात होने पर हम एक स्वतंत्रता का अनुभव करते हैं
और वह स्वतंत्रता हमें येसु के महान नाम की घोषणा करने के लिए जाने के लिए प्रेरित
करती है। योहन 11ः45
- बहुत से यहूदी जो वहाॅं पर आये हुए थे उन्होंने
ये सब देखा और येसु में विष्वास किया।
दुखभोग के इस समय में यदि हम किसी भी प्रकार के बंधन से जकडे
हुए हैं आईये हम येसु के पास जायें, हम पाप स्वीकार करें, और येसु को हमें बंधनों से मुक्त करने दें। यदि आप
बपतिस्माधारी हैं तो आप में एक नया जीवन हैं। पर यदि आप बपतिस्मा के बाद के जीवन
में बंधनों का अनुभव करते हों तो जाईये एक अच्छा पाप स्वीकार करिये और येसु के
द्वारा दी जाने वाली स्वतंत्रता का अनुभव कीजिए। येसु ने लाज़रूज को जिंदा किया और
उसके द्वारा यहूदियों को ईष्वर के होने का एक साक्ष दिया। आप यदि ईष्वर के बच्चे
होनी आज़ादी का अनुभव करेंगे तो आप औरों के लिए एक साक्ष बन जायेंगे। आप लोगों को
देखकर लोग यह विष्वास करेंगे कि येसु ही प्रभु है। आमेन।
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