विधि विवरण 20:10-13
रोमी. 5:12-15
मत्ती 10:26-33
मसीह येसु में मेरे अजीज मित्रों, भाईयों-बहनों और बच्चों, ईश्वर केे काम कारना, व धार्मिक और पवित्र जीवन जीना भीतर से जितना कठीन होता है उतना ही प्रभु भक्तों को बाहरी ताकतों व विरोधियों का सामना भी करना पडता है। आज के पहले पाठ में नबी यिरमियाह इसी वास्तविकता से रूबरू होते हुए अपनी वेदना प्रकट करते हैं। वे दुःख और अत्याचार का दूसरा नाम बन गये थे। लोग उनको निरंतर परेशान करते व सताया करते थे। उनका दोष केवल इतना था कि वे पापी जगत में ईश्वर की आवज़ बन गए थे। लोग उनसे इसलिए मित्रता की कोशिश करते थे कि उनके विरूद्ध कुछ न कहें। लेकिन जब वे ईश्वर की भविष्यवाणियों के साथ कोई समझौता नहीं करते थे तो वे उनके विरूद्ध साजिश किया करते थे। नबी यिरमियाह ने बहुत सतावट सही। वे स्वयं को विरोधियों से घिरा हुआ पाते हैं। लेकिन अपनी इस दयनीय परिस्थिति में वे अपने ईश्वर को याद करते हैं। वे कहते हैं - ‘‘प्रभु एक पराक्रमी शूरवीर की तरह मेरे साथ है।’’ जब हम इस बात को लेकर आशवस्त हैं कि प्रभु हमारे साथ है तो फिर हमें दुनिया की कोई भी ताकत विचलित नहीं कर कर पायेगी।
आज के सुसमाचार में प्रभु येसु हम से कहते हैं - ‘‘डरो नहीं’’ जि हाॅं किसी से भी डरो नहीं। 2 तिमथी 1ः7 में प्रभु का वचन कहता है - ‘‘ईश्वर ने हमें भीरूता अथवा डर का नहीं, बल्कि सामर्थ्य , प्रेम, तथा अत्मसंयम का मनोभाव प्रदान किया है।’’
डर शैतान का सबसे प्रचलित व शक्तिशाली हत्यार है जिसे वह हमारे विरूद्ध, हमारी आध्यात्मिकता के विरूद्ध काम में लाता है। हमारे अंदर डर भरने के लिए सबसे बडा झूठ वो हमारे अंदर डालता है वो ये है कि ईश्वर हम से बहुत दूर है। अथवा वो हमारी जिंदगी से अनुपस्थित है। क्या आप ने कभी ऐसा सोचा है कि ईश्वर आपसे दूर है? आप अकेले हैं? ईश्वर ने आपको त्याग दिया है?छोड दिया है? अगर आपका जवाब हाॅं है तो आपका हमारे क्लब में स्वागत है। हम सब कभी न कभी इस सोच के शिकार हो जाते हैं कि ईश्वर हम से दूर है अथवा कई बार यह सोचते हैं कि ईश्वर हमारी परेशानियों और मुसिबतों से अनजान हैं। कोरोना महामारी के इस दौर में यह सोच और भी मजबूत हो जाती है। लेकिन सच्चाई को कोई झुठला नहीं सकता। और वो सच्चाई है हमारे प्रभु के वचन। हमारे प्रभु ने बारम्बार अपने वचनों में हम से कहा है - मैं सदा तुम्हारे साथ हूॅं। उन्होंने केवल कहा ही नहीं, पर पवित्र बाइबल में और हमारे जीवन में भी इसे साबित किया है कि वह हमारे साथ है।
बूरे समय में इस बात को ज्यादा प्रोत्साहन मिलता है कि ईश्वर हम से दूर हैं, पर याद रहे पवित्र बाइबल में ईश्वर युद्ध, अकाल, बाढ़, और यहाॅं तक कि आंधी के बीच भी अपने लोगोें के साथ रहा। वह कहता है - ‘‘दृढ़ बने रहो और ढारस रखो! भयभित न हो और उनसे मत डरो; क्योंकि तुम्हारा प्रभु-ईश्वर तुम्हारे साथ चलता है। वह तुम्हें विनाश नहीं करेगा और तुम्हें नहीं छोडेगा।’’ विधी विवरण 31ः6
योशुआ 1ः9 में प्रभु का वचन कहता है -‘‘क्या मैं ने तुम से यह नहीं कहा - दृढ बने रहो और ढारस रखो? तुम न तो डरोगे और न घबराओगे, क्योंकि तुम जहाॅं कहीं भी जाओगे, प्रभु तुम्हारा ईश्वर तुम्हारे साथ होगा।’’
इसलिए प्रभु येसु में प्यारे विश्वासियों एक मसीही होकर भी डरना, मसीही जीवन के लिए विरोधाभास है। प्रभु येसु आज के सुसमाचार में हमें बतलाते हैं कि हमें किस चीज़ से डरना है - ‘‘उन से नहीं डरो, जो शरीर को मार डालते हैं, किंतु आत्मा को नहीं मार सकते, बल्कि उससे डरो, जो शरीर और आत्मा दोनों का नरक में सर्वनाश कर सकता है।’’
इसलिए आईये प्यारे भाईयों और बहनों हम अपना पूरा भरोसा व विश्वास उस खुदा पर बनाये रखें जो जिंदा है, वो पत्थर व धातू की बनी मुर्तियों में नहीं पर पूरे ब्रह्मांड में रहता है। वो हमारे करीब है; वो हमारे साथ है; वो हमारे अंदर है। हर मुसिबत व संकट में येसु नाम का सुमिनरन करें, स्वर्ग और पृथ्वी की सारी शक्तियाॅं उनके अधीन हैं। वो हर संकट व मुश्किल से हमें बचाने और हमारे शरीर और आत्मा दोनों को नरक से बचाने में समर्थ है। आईये हम हर दुःख व संकट में सिर्फ और सिर्फ उनकी ही शरण लें। आमेन।
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