Saturday, 13 February 2016

चालीसा का पहला रविवार , 14 February 2016



दुःख भोग का पहला रविवार               

डीकन जाॅन भाबोर
विधि - विवरण ग्रंथ 26ः4-10
रोमियों के नाम पत्र 10ः 8-13
लूकस 4ः1-13
ख््िरास्त  में प्रिय भाईयों एवं बहनों हम चालिसा काल मे प्रवेष कर चुके है हम चालिसा काल मे प्रभु येसु का दुःख भोग, मरण एवं पुर्नरूथान को याद करते है। चालिसा काल मतलब ही होता है कि प्रभु के वापस लौट जाना हमारे सभी पापमय कार्यों को छोड प्रभु के पास पुनः लौट जाना। अपने कीये हुए पापों पर पष्चातावा करना प्रभु से तथा एक दुसरे से माफी मांगना एक दूसरे को क्षमा करना। अपने कीये हुए पापों से मुह मोडना आईये इस चालिसा काल  में हम क्रुसित प्रभु येसु कि  ओर अपनी आत्मा एवं मन एवं अपनी सोंच विचारों को उनकी और लगाये। दुःख भोग के समय हमें पाप से अपना पिदा छुडाना है तथा प्रभु येसु के हाथों को थामना है ताकी हम ईष्वर के पुत्र-पुत्रियां बन सकें।
रोमियों के नाम पत्र 6ः 1-11 यह समय प्रभु को जानने का समय है उसमें अपना अस्तित्व देखने का समय है। बतिस्मा मे जो प्रतिज्ञाएं दोहराई थी उन्हे फिर से सोंच समझ कर पालन करने का समय है। अपने मन के विचारों को एवं ईच्छाओं को ष्षांत करने का समय है। अपने स्वयं के जीवन का समझने का समय है। चालिसा काल सर्मपण का समय है।
आज के प्रथम पाठ विधि-विवरण ग्रंथ में प्रभु याद दिलाते है की कीस प्रकार इस््राायल को अपनी चुनी हुई प्रजा को म्रिस्त्र की गुलामि से मुक्त किया मरूभूमि मे तुम्हारी रक्षा की। जिस प्रकार ईष्वर ने हमे अपनी चुनी हुई प्रजा को म्रिस्त्र से निकालने के लिए मूसा को भेजा। ईष्वर ने हमें बचाने के लिये अपने परम प्रिय पुत्र येसु को हमारे लिये भेजा ताकी हम पाप की दास्ता से मुक्त हो सके। इस््रत्रायलियों के समान प्रभु आज हमें भी आमंत्रित करते है की हम भी प्रभु के द्वारा कीये गये महान कार्यों को हमारे जीवन में याद करें।
निर्गमन ग्रंथ 13ः1,22,29 प्रभु कहते है मुझे सब पहलौठे बच्चों का समर्पित कर देना क्योंकि सब मेरे ही है। निर्गमन ग्रंथ 13ः2,22,30 एवं निर्गमन 22ः28 फसल की पहली उपज भी प्रभु को ही समर्पित थी। चालिसा के पहले रविवार मे प्रभु हमसे भी कुछ इसी तरह से कहते है की हम भी पष्चाताप का पहला चढावा प्रभु को ही चढाये। 1पेत्रुस1ः18 ’’आप लोग जानते है कि आपके पूर्वजों से चली आयी हुई निरर्थक जीवन चर्या से आपका उध्दार सोने-चांदी जैसी नष्वर चीजों की कीमत पर नहीं हुआ है।
आज के पवित्र सुसमाचार में- प्रभु येसु इस दुनिया मे ना केवल हमे पाप से मुक्त करने आये परंतु वे हमें सिखाने भी आये की किस प्रकार हमें पाप से लडना हैं।
पवित्र सुसमाचार को हम आज गहराई से समझे की किस प्रकार येसु षैतान के प्रलोभनों का ठुकरा देते है। लूकस 4ः1-13 पवित्र आत्मा उन्हे निर्जन प्रदेष ले चला। वह चालिस दिन वहां रहे। जिस प्रकार मूसा ने सिनाई पर्वत पर जाकर चालिस दिन तक उपवास किया निर्गमन 34ः28 एवं राजाओं का पहला ग्रंथ में 19ः5 नबी एलियास ने होरेब पर्वत पर चालिस दिनों तक उपवास किया। प्रभु येसु ने भी चालिस दिनों तक उपवास किया। इब्रानियों के नाम पत्र 4ः15 सभी बातों मे उनकी परीक्षा हमारी ही तरह ली गयी है। हममें एवं प्रभु येसु मे इतना ही अंतर है की प्रभु ने ष्षैतान को हरा दिया है और हमेषा षैतान हमें हरा देता है।
आज के सुसमाचार मे हमें सुनने को मिलता है की षैतान भी ईष्वर की वाणी को भली भांति जानता है। लूकस 4ः2 ईसा ने उन दीनों कुछ भी नहीं खाया। तब ष्ष्ैातान ने उन से कहा यदी आप ईष्वर के पुत्र है तो इस पत्थर को कह दीजिये की यह रोटी बन जाये। प्रभु ष्षैतान को कहते है की मनुष्य रोटी से ही नही जीता है। हम हमारे जीवन मे देखे हम कीस के बल भुते पर जीते है हमे भुख कीस चीज की ज्यादा जगती है ईष्वर के वचन की या षैतान के प्रलोभनों की। दूसरी परीक्षा मे ष्ैातान उन्हें उपर उठा ले जाता है एवं क्षण भर मे संसारे के सभी भव्य राज्यों का वैभव देने का प्रलाभन देता है। हम भी संसार के मोहमाया मे पड जाते है ष्षैतान हमे भी हर प्रकार का वैभव देना का वादा करता है पर वह ष्षर्त रखता है की हम उसके बताये मार्ग पर चले। ष्षैतान हमें उसकी आराधना करने को कहता। कई लोग ख्रीस्तीय होते हुए भी अन्य देवी देवताओं की आराधना करते है प्रभु येसु आज अपने प्रभु ईष्वर को छोड ओर कीसी की आराधना न करना का आहवान करते है।
तीसरा प्रलोभन-यदि आप ईष्वर के पुत्र हे तो नीचे कुद जाईये। प्रभु येसु कहते है की अपने प्रभु ईष्वर की परीक्षा मत लो। हम भी ष्षैतान के प्रलोभनों मे आकर कई प्रकार से पाप के कुुॅए मे गीर जाते है और उसमे से निकलने मे अपने आपको असमर्थ पाते है।
इस चालिसा काल मे प्रभु हमसे यही चाहते है की हम भी उपवास तथा प्रार्थना द्वारा अपनी इंन्द्रीयों को काबू मे रखे, ताकी हम प्रभु की सेवा मे अपने आप को योग्य मान सके। उपवास, प्रार्थना एवं प्रभु के वचनों द्वारा ही हम षैतान को पराजित कर सकते है।
दया के वर्ष में हमे कई प्रकार के दया के कार्य करने की आवष्यकता है संत पिता फ्रांसिस के द्वारा घोषित दया के वर्ष में हम अपने आप को एवं अपने परिवार के सभी सदस्यों को दया करना सिखाये।
चालिसा काल का समय अधिक उपयुक्त है दया के कार्य करने के लिए आईये हम भी प्रभु येसु के समान उपवास तथा प्रार्थना करते हुए इस दुःख भोग के समय प्रभु के साथ हम भी प्रार्थना करे। हम विषेष कर अपने पापों पर पष्चाताप करते हुए प्रार्थना करे।

आमेन।

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