Saturday, 23 March 2019

चालीसे का तीसरा रविवार: हिंदी प्रवचन

निर्गमन ग्रंथ 3ः1-8.13-15
1 कुरिंथियों 10ः1-6.10-12
लूकस 13ः1-9
चालीसे के तीसरे रविवार में आज प्रभु हम से कहते हैं- ‘‘मैं ने मिस्र में रहने वाली अपनी प्रजा की दयनीय दषा देखी और अत्याचारियों से मुक्ति के लिए उसकी पुकार सुनी है। मैं उसका दुःख अच्छी तरह जानता हूँ। मैं उसे मिस्रियों के हाथ से छुडा कर और इस देष से निकालकर, एक समृृद्ध तथा विषाल देष ले जाऊँगा, जहाँ दूध और मधु की नदियाँ बहती है।’’
इस्राएली लोग मूसा की अगुवाई में मिस्र की गुलामी से मुक्त से होकर, लाल सागर व मरूभूमि पार करते हुए उस देष में प्रवेष करते हैं जिसे ईष्वर ने उन्हें देने की प्रतिज्ञा की थी।

और दूसरे पाठ में संत पौलुस हमें यह बतलाते हैं कि इस्राएलियों के साथ जो कुछ हुआ वह दृष्टांत के रूप में अर्थात् प्रतिकात्मक रूप से उनके द्वारा, इस युग के लिए एक संदेष दिया गया है। इसलिए हजारों साल पहले एक विषेष जाती के लोगों को बताई गई बात आज हमारे लिए भी प्रासंगिक है। आज पापों की दासता रूपी मिस्र देष में बूरी तरह से फँसे अपने लोगों को ईष्वर देख रहा है। पापों के बोझ से दबे अपने लोगों की दयनीय दषा प्रभु जानते हैं। पाप व उसके प्रभाव ने ईष्वर के ही स्वरूप में गढे गये इंसान की आज क्या हालत कर दी है? पापों से मुक्ति के लिए कई जतन करते हुए लोगों को ईष्वर देख रहा है। और आज वह हम से कहता है - कि मैं तुम्हें शैतान व पाप की दासता के बंधनों से मुक्त कर एक ऐसे देष ले जाऊंगा जहां पाप व उसकी ताकतों का कोई जोर नहीं चलता। जहाँ दूध और मधू की नदियां बहती हैं याने जहां आनन्द ही आनन्द है।
कौन प्रभु के द्वारा मुफ्त प्रदान की गई इस मुक्ति को प्राप्त करेगा? वही जो इसके लिए तरसता है, वही जो इसके लिए भूखा और प्यासा है? आज के पहले पाठ में प्रभु ने कहा है कि उन्होेंने मुक्ति के लिए इस्राएलियों की पुकार सुनी है। जो काई मुक्ति के लिए ईष्वर को पुकारेगा, प्रभु उसकी पुकार सुनेगा। और आज भी येसु को उसके जीवन में भेजागा ताकि जैसे मूसा इस्राएलियों को मिस्र से बाहर ले आया वैसे ही प्रभु येसु हमें पापों की दासता से छुडाकर अनन्त मुक्ति की ओर ले जायेगा।
हमारे पापों के कारण हम सब विनाष के पात्र बन गये हैं। लेकिन प्रभु येसु हमारा विनाष नहीं चाहते। वे चाहते हैं कि हम में से हर कोई बच जाये। इसलिए आज के सुसमाचार में वे एक दृष्टांत के द्वारा वे हमें बतलाते हैं कि किस प्रकार से दाखबारी का मालिक अंजिर के पेड में फल न पाकर निराष होकर उसे काट डालने का आदेष देता है पर माली उस पेड का पक्ष लेता है और कहता है इसे और मौका दिया जाये। मैं इसमें इसकी गुडाई करूंगा, खाद डालुंगा और प्रयास करूंगा कि ये अगले साल फल दें। हम जो हमारे पापों के कारण अपनी आत्मा को विनाष के कागार पर ले आये हैं जैसा कि संत मत्ती 3ः10 में लिखा है - ‘‘अब पेडों की जड में कुल्हाडा लग चुका है। जो पेड अच्छा फल नहीं देता वह काटा और आग में झोंक दिया जायेगा।’’ इसलिए हम जो अपने पापों के कारण ईष्वर से सूखी डालियों की तरह अलग हो गये हैं संत योहन 15ः6 में वचन कहता है वे आग में झोंक दिये जायेेंगे। तो प्यारे विष्वासियों पाप में हमारी हालत यह है। हम जो कि पापमय जीवन जीते हैं हम इसी लायक हैं कि हम नरक की आग में फेंक दिये जायें। परन्तु हमारा उद्धारक, हमारा प्रेम करने वाला प्रभु येसु हमारी तरफदारी करते हुए आज भी पिता से यही गुहार लगा रहा है। इसका विनाष मत करिये, इसे एक और मौका दीजिए, मैं प्रयास करूंगा कि इस व्यक्ति में सुधार आये। मैं वे सारे प्रयास करूंगा जिससे यह व्यक्ति फिर से अध्यात्मिक फल उत्पन्न करने लग जाये।
प्यारे विष्वासियों चालीसे के इस पुण्य समय में प्रभु हमें सुधरने का एक और मौका दे रहे हैं। हमारे मुक्तिदाता येसु हमारा पक्ष लेते हुए हमसे यही उम्मीद कर रहे हैं कि हम उनके मुक्तिकार्य में अपनी तरफ से सहयोग करें। व जैसा वे हम से उम्मीद करते हैं वैसा ही जीवन व्यतित करें। ताकि परम पिता ईष्वर जब हम में फलों की परख करने आये तो हमें बहुत ही फलवन्त पाये। हमारे आध्यात्मि जीवन को देखकर वे प्रसन्न हों और हमें हमेषा के लिए अपनी दाखबारी में सदाबहार पेड की तरह लहलहाने की कृपा व बरकत बख्शे। आमेन।

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