Friday, 27 November 2020

1st Sunday of Advent Year - B 29 Nov. 2020. Hindi Reflection by Fr. Preetam Vasuniya


1st Sunday of Advent
इसायाह  63:16b-17; 64:2-7
कुरिन्थियों  1:3-9
 मारकुस
 13:33-37

प्यारे विश्वासियों आप सबों को नये साल की शुभकामनायेंजि हॉं आज से हमारी पूजन विधीा का नया साल शुरू होता हैऔर आज से ही हम आगमनकाल का आगाज़ करते हैं। जैसा कि हम सब जानते हैं आगमनकाल मसीह के जन्मोत्व की तैयारी का समय है। यह समय हमें मानव इतिहास में ईश्वर के पुत्र के मनुष्य बनकर इस धरा पर पदापर्णन करने के साथ ही उनके अंतिम आगमन के बारे में भी मनन चिंतन करने  उसके आने की तैयारी का समय है।

प्यारे साथियों कोरोना काल में पडने वाला यह ​क्रिसमस एक ऐतिहासिक क्रिसमस हैइसे मनाने के तौर तरीके से लेकर ​क्रिसमस को लेकर हमारी समझ  वर्तमान संदर्भ में इसका संदेश सब हटकर होने वाले हैं।

आज के पाठ हमारी वर्तमान परिस्थिति का बहुत ही सटीक प्रधिनित्व करते हैं। नबी इसायाह के ग्रंथ से लिया गया आज का पहला पाठ वैश्विक महामारी झेल रहे संसार की भावनाओं और ईश्वर के बिना मनुष्य की दैयनीय दशा का बखुबी चित्र णपेश करता है। आज के परिवेश में हर कोई मुक्ति के अभिलाषी हैं विशेषकरके कोरोना महामारी से मुक्ति। आज के पहले पाठ नबी इसा. 63 में प्रभु का वचन कहता है — ''प्रभु तू ही हमारा पिता है। हमारा मुक्तिदाता — यही अनन्तकाल से तेरा नाम रहा है। वचन कहता है कि ईश्वर का नाम सदा से ही मुक्तिदाता नाम रहा है। मत्ती 1:21 में हम पढते हैं गाब्रिएल दूत संत योसेफ से कहते हैं — ''वे पुत्र प्रसव करेंगी और आप उसका नाम येसु रखेंगेक्योंकि वे अपने लोगों को उनके पापों से मुक्त करेगा।गाब्रिएल दूत ने मरियम और युसूफ को अपने बेटे का नाम येसु रखने को कहा था। इब्रानी ज़बान में उसे येशुआ कहा जाता है जिसका मतलब होता है — मुक्तिदाता या उद्धारकर्ता।

प्यारे विश्वासियों यूं तो लोग दुनियॉं में तथाकथित कई धर्मों और देवताओं को मानते हैं परन्तु किसी भी देवता का नाम का अर्थ मुक्तिदाता या उद्धारकर्ता नहीं है। आगे आप ही समझ सकते हैं कि आपको अपनी मुक्तिअपने उद्धार और छुटकारे के लिए कहॉं जाना हैकसके पास जाना हैअपने उद्धार की आस किस पे लगाना हैमुक्तिछुटकारे  चंगाई की म्मीद किस से करना है।

प्रे.. 4:12 में हम पढते हैं — ''किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा मुक्ति नहीं मिल सकतीक्योंकि समस्त संसार में ईसा नाम के सिवा मनुष्यों को कोई दूसरा नाम नहीं दिया गया हैजिसके द्वारा हमें मुक्ति मिल सकती है।जि हॉं प्यारे साथियों यही वह नाम है जो हमें मुक्त कर सकता हैछुटकारा दे सकता है सच्ची आज़ादी दे सकता है। फिलिण् 2:9—10 में प्रभु का वचन कहता है — ''इसलिए ईश्वर ने उन्हें महान् बनाया और उन को वह नाम प्रदान कियाजो सब नामों में श्रेष्ठ है,जिससे येसु का नाम सुन कर आकाशपृथ्वी तथा अधोलोक के सब निवासी घुटने टेकें''

वह सब नामों में श्रेष्ठ नाम है और उनके आगे सब कोई घुटने टकेंगे। सारी ताकतेंसारी शक्तियॉंसारे रोगसारी बिमारियॉंसारे प्रलोभनसारे पापसारी बुरी आदतेंशैतानी ताकतेंदुश्मन की ताकतेंसारे बंधनश्राप और महामारियॉं सब येसु नाम के आगे घुटने टेकेंगे।

हम इस आगमनकाल में उस ईश्वर के आने की प्रतिक्षा कर रहे हैं जिसका नाम येसु अर्थात मुक्तिदाता है। नबी इसायाह आज के पहले पाठ में प्रार्थना करते हुए कहते हैं कि काश प्रभु तू आकाश फाडकर उतर आता! Oh, that you would rend the heavens and come down,

आगमन के पहले इतवार में हमारी भी प्रार्थना यही हो प्रभु आकाश को चीरते हुए उतर आ। येसु  जाहमारे मुक्तिदाता आजा। हमें तेरी जरूरत है। पहले से कहीं अधिक हमें इस समय में तेरी ज़रूरत है। yes Lord we need you more than ever.

नबी आगे लिखते हैं 64:4 में —  ''तू अप्रसन्न हैक्योंकि हम पाप करते थे और बहुत समय से तेरे विरुद्ध विद्रोह करते  रहे हैं।'' आओ हम विचार करें कि कहीं नबी इसायाह की यह भविष्यवाणी आज हमारे समय में पूरी तो नहीं हो रही। कहीं यह महामारी इसलिए तो नहीं आई कि हम पापों में खो गये हैं ईश्वर के विरूद्ध विद्रोह करने लगे हैं। नबी आगे लिखते हैं — हम सब-के-सब अपवित्र हो गये और हमारे समस्त धर्मकार्य मलिन वस्त्र जैसे हो गये थे। हम सब पत्तों की तरह सूख गये और हमारे पाप हमें पवन की तरह छितराते रहे। वास्तव में मैं सोचता हूँ आज मनुष्यों की हालत सूखे पत्तों जैसी हो गई है। इस महामारी के सामने बिलकुल बेबस और विवश हम सब सूखे पत्तों जैसे हो गए हैं। हमारा विज्ञानहमारे यंत्रहमारी तकनीकीहमारी उपलब्ध्यिॉंहमारी दौलतहमारा मेडिकल साइंससब के सब कोरोना के सामने प्रभावहिन  शक्तिहीन लग रहे हैं। और यह वाइरस जैसे हवा सूखे पत्तों को छितराती है वै मानव जीवन को छितरा रहा है। कोई भी अछूता नहीं रहा। सभी देशदेश धर्मसभी जातियॉंअमीर और गरीबबच्चे और जवानबुजूर्गपुरूष और महिलायें सब के सब इससे प्रभावित हैं।

ऐसी दयनीय अवस्था में नबी इसायाह की यह प्रार्थना बहुत ही प्रासंगिक है — ईश्वर आकाश को चीरकर अपने बल  सामर्थ्य के साथ उतर आ। प्यारे साथियोंईश्वर ने 700 .पूनबी इसायाह के द्वारा की गई प्रार्थना को सुना और इ्स्राएलियों को बाबुल की गुलामी से आज़ाद किया उन्हें विदेशी हुकूमत  उनकी गुलामी से मुक्त कर जिस विदेश ज़मींन पर  निर्वासित थे वहॉं से उन्हें वापस अपने मुल्क अपने देश में लाकर बसाया। आज भी वह ईश्वर हमारी प्रार्थनाओं को सुनकर हमें छुडाने हमें मुक्ती देने में समर्थ है। पापी संसार की दर्दभरी आहें सुनकर मानव इतिहास में इंसान बनकर 2000 साल पहले इस धरा पर पदापर्ण करने वाला मुक्तिदाताजिसका नाम येसु है इस क्रिसमस आपके लिएमेरे लिए आशा उम्मीद  आनन्द का संदेश लेकर  रहा है।

वास्तव में जो विश्वासी हैं उन्हें तो किसी भी समस्या के आगे घुटने टेकने की ज़रूरत नहीं है। क्योंकि हममें ईश्वर की कृपा विद्यमान है जो हमारी ताकत और हिम्मत का स्रोत है।आज के दूसरे पाठ में संत पौलुस कहते हैं — आप लोगों में किसी कृपादान की कमी नहीं है और अब आप हमारे प्रभु ईसा मसीह के आगमन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। ईश्वर अन्त तक आप लोगों को विश्वास में सुदृढ़ बनाये रखेगाजिससे आप हमारे प्रभु ईसा मसीह के दिन निर्दोष पाये जायें। ईश्वर सत्यप्रतिज्ञ है। उसी ने आप लोगों को अपने पुत्र हमारे प्रभु ईसा मसीह के सहभागी बनने के लिए बुलाया।

आज के सुसमाचार में प्रभु येसु अंतिम दिनों के संकट की भविष्यवाणी करते हैं। जो हम आज देख रहे हैं वो सब उन दुखों  संकटों की एक झलक मात्र है जो अंतिम दिनों में इस संसार पर  पडेंगे। क्योंकि प्रभु येसु कह रहे हैं —'' उन दिनों जैसा संकट सृष्टि में संसार के प्रारम्भ से अब कभी नहीं देखा गया।'' हॉं कुछ हद तक कोरोना संकट इसी श्रेणी आता है क्योंकि शायद ही ऐसा वैश्विक संकट मानव इतिहास में पहले कभी देखा गया है।

इस संकट की घडी में हमें क्या करना चाहिए। हम नबी इसायाह की तरह हमारे इस कोरोनाग्रस्त संसार में आने के लिए प्रार्थना करें। हम कहें प्रभु येसु आईये। मारानाथा कम लोर्ड जीसस कम।

येसु आपका नाम मुक्तिदाता नाम है। हमें मुक्त करने  जाईयेहमें छुडाने  जाईये।

आज के सुसमाचार में कहा गया है — यदि ईश्वर ने उन दिनों को घटाया  होता तो कोई प्राणी नहीं बचताकिंतु अपने चुने हुए कृपापात्रों के कारण उसने उन दिनों को घटा दिया।

आईये प्यारे विश्वासियों ईश्वर के चुने हुए हम कृपापात्रहम विश्वासी लोग हमारी प्रार्थनाओं को बढायेंसारे संसार के पापों के लिए हम प्राश्चित करें। और कोरोना से बिमार संसार में येसु के जन्म के लिए हम तैयारी करें। जि हॉं हमारी प्रार्थओं  प्रायश्चित से संकट  दुख के दिन घटाये जायेंगे और जल्दी ही हमारे इस संसार को राहत मिलेगीहम सामान्य जिंदगी में फिर से लौटरक ईश्वर की महिमा गायेंगे। आमेन।

 Have a fruitful Advent Season 

Fr. Preetam Indore